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Wednesday 12 September 2012

राजनितिक पार्टी और कानून ..


राजनितिक  पार्टी के लिए कोई कानून नहीं ...

देश का शायद ही ऐसा कोई विभाग, संस्था, कार्यालय, कोर्पोरेट, फेक्ट्री, ट्रस्ट, अदालतें या आप कह सकते हैं कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के अलावा मिडिया हाउस जिसके लिए कानून ना हो ! इन सभी के लिए हमारे देश में कानून है और दोषियों को दंड देने का प्रावधान भी ! लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में राजनितिक पार्टी के लिए कोई कानून नहीं है ! पिछ
ले कुछ दिनों से राजनितिक गलियारों और मिडिया हाउस में यह चर्चा जोरों से चल रही है किस-किस पार्टी के पास कितना धन है ! और वर्ष 2004 से 2011 तक में कितना इजाफा हुआ है ! इस चर्चा में एक बड़ी बात यह भी उभर कर सामने आई कि अस्सी प्रतिशत पैसे/दान बेनामी हैं ! मतलब पार्टी को नहीं पता कि किसने पैसे दिए ! अब कोई कानून नहीं है तो आप आसानी से समझ सकते हैं कि राजनितिक पार्टियां इसके बदले सरकार को टेक्स भी नहीं देती होंगी ! राजनितिक पार्टियां आरटीआई के अधीन भी नहीं होंगी ! पार्टी के इस अकूत धनों कि ऑडिट भी नहीं होती है ! मतलब पैसा किस मद में कब-कब खर्च किया जाता है इसका कोई लेखा-जोखा नहीं !
अब आते हैं दूसरे पहलु पर चुकी यहाँ (राजनितिक पार्टी) कोई कानून ही नहीं है इसलिए खुल्लम-खुल्ला मर्जी चलती है ! जी हाँ अगर किसी छोटे नेता ने कुछ बोला तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है ! अगर वह सच भी है और पार्टी के प्रति इमानदारी से समर्पित भी है तो उसकी कुछ नहीं चलेगी और वह किसी न्यायालय के शरण में भी नहीं जा सकता है ! मतलब वह मुकदमा जित कर वापस उस पार्टी में नहीं बहाल हो सकता है ! यहाँ तक कि पार्टी के शीर्ष अधिकारी और नेतागन जब चाहे जिसे चाहे उखाड़ बाहर फेंक दें ! कोई सदस्य को पार्टी से निलंबित किया जाय या सदस्यता समाप्त कि जाय उसके पास कोई विकल्प नहीं है ! आप देश के किसी भी सरकारी या प्राईवेट संस्था में काम करते हैं तो वहाँ आपको ऐसे नहीं निकाला जा सकता है और अगर निकाला गया तो आप अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं लेकिन राजनितिक पार्टियों के खिलाफ देश कि कोई भी अदालत में आप अपील नहीं कर सकते हैं ! हर राजनितिक पार्टियों में अच्छे नेता हैं लेकिन वह इसलिए भी अपने शीर्ष नेता वो पधाधिकारी का विरोध नहीं कर पाते हैं क्योंकि उन्हें बिना देर किए बाहर का रस्ता दिखा दिया जाएगा ! कानून नहीं होने के कारण ही आज रानीतिक में परिवारवाद हावी है !
राजनीतिज्ञ विश्लेषकों का कहना है कि अगर राजनितिक पार्टी के लिए कानून नहीं बनाया गया तो यह देश के लिए बहुत बड़ा खतरा होगा ! पार्टियां मालामाल होती जाएंगी और जनता कंगाल होता जाएगा ! यही नहीं कानून बनने पर नेताओं और पार्टियों कि मनमर्जी पर भी लगाम लगेगा और एक स्वच्छ राजनीति का माहोल बनेगा !!

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