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Saturday 1 September 2012

फेसबुकिया समाजसेवी और तस्वीर ...

बहुत दिनों से कुछ लिखा नहीं था आज सोचा कुछ लिख ही डालूं ! मैं कई दिनों से देख रहा हूँ कि फेसबूक संस्थाए जो समाज सेवा का काम बेहतर तरीके से करती है और अपने-अपने ग्रुप में फोटो भी जमकर छापती ह
ै के तस्वीरों में वो गुणवत्ता नजर नहीं आती जिसे देख कर लोग अत्यधिक प्रभावित हो सके ! आज तक जो मैंने इस चीज को लेकर चिंतन किया इसकी एकमात्र वजह यह उभर कर सामने आया कि फोटो में अधिकांश सदस्य अपने आप को दिखाना चाहते हैं ना कि संस्था के वास्तविक कार्य को और फोटो देख कर ऐसा लगता है जैसे वो सच्चे दिल से काम नहीं कर रहे हैं बल्कि अपनी व्यक्तिगत वाहवाही लुटने के लिए ही काम करते हैं ! चुकी सोच ऐसी है इसलिए शायद फोटो भी ऐसा ही देखने को मिलता है ! वास्तविकता यही है कि ग्रुप में काम के साथ-साथ सदस्यों कि व्यक्तिगत फोटो भी छापी जाती है जिसमे उनके कार्य से सम्बंधित या कार्य करते हुए कुछ नहीं दीखता है ! मैं पिछले एक साल से अधिकांश हरेक ग्रुप कि यही स्थिति देख रहा हूँ ! मुझे मलूम है कि मेरे इस पोस्ट पर काफी टिका-टिप्पणी होगी, लेकिन यह हकीकत है ! मेरी राय है कि जब भी आप किसी कार्यक्रम कि तस्वीर खींचते हैं कृपया कुछ एतिहात बरते और नेचुरल फोटो ही खींचे और ग्रुप में पोस्ट करे ! किसी भी जनहित कार्यक्रम की फोटो कभी ऐसा नहीं दिखना चाहिए कि हम फोटो खिंचवा रहे हैं ! लोग आपकी तस्वीर को देख कर प्रभावित नहीं होंगे हाँ आपके दुवारा किये जा रहे कार्य कि तस्वीर कोई लोग पसंद करेंगे ! हाँ व्यक्तिगत फोटो है तो उसे अपने निजी वाल पर शेयर करे..ना कि ग्रुप में अपनी कार्य को प्रदर्शित करने के लिए .........

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