रणवीर सेना प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या से फेसबुक पर भी छिड़ी जातिवाद की बदजुबानी जंग :((
जी हाँ आज तडके सुबह रणवीर सेना प्रमुख रहे ब्रह्मेश्वर मुखिया कि हत्या
कि घटना ने बिहार के कुछ इलाकों को जमीनी तौर पर तो झकझोर कर रख ही दिया,
इसके साथ-साथ फेसबुक पर भी जातिवाद को लेकर एक नयी बहस और जंग छिड़ गयी है !
फेसबुक के कई ग्रुप में अगड़ा-पिछड़ा को लेकर राजनीति का माहोल गरम है
.......
फेसबुक पर एक तबका दलित और
पिछड़ा वर्ग पर हुए अत्याचार (नरसंहार) कि दुहाई दे रहा है तो दूसरा तबका
उच्च वर्ग पर हुए अत्याचार के खिलाफ मुखिया जी के कदम का जोरदार समर्थन कर
रहा है ....कोई उन्हें देश का सच्चा सपूत बता रहा है तो कोई उन्हें
आतंकवादी ! एक समुदाय उसे श्रद्धांजलि दे रहा है तो दूसरा उनकी मौत पर जश्न
मन रहा है, इस घटना ने करीब एक दशक बाद फिर से जातिवाद कि नीव को हिलाने
का काम किया है ! दुखद पहलु यह है कि फेसबुक में कल तक जो सबकुछ भूल कर
एक-दूसरे के हितेषी थे वो इस बात को लेकर आपस में भीड़ गए हैं, आज सुबह से
इस बात को लेकर लगातार बहस छिड़ी हुयी है .....एक समुदाय का कहना है कि गीता
में लिखा है अपनी रक्षा के लिए हथियार उठाना जुर्म नहीं है बहादुरी का काम
है, जबकि दूसरा तबका मुखिया जी कि हत्या को जायज ठहराते हुए उन्हें समाज
का मुजरिम करार दे रहे हैं ! मुझे इस बात का भय सता रहा है कि कहीं यह घटना
हमारे समाज के पिछले एक दशक से चली आ रही शान्ति और प्रेम में दरार पैदा ना
कर दे .....
मेरे सभी फेसबुक मित्रों से विनम्र आग्रह है कि अपनी
भावना और पूर्वाग्रह को सयमित तरीके से शालीन और भद्र शब्दों में व्यक्त करे और आपसी सौहार्द
बनाये रखे .....