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Tuesday 14 August 2012

 
अपनी बातें !!

अजमल कसाब को पकड़ा था तुकाराम ओम्बले ने , शत्-शत् नमन !!

जी हाँ आज हम देश कि आजादी का जश्न मना रहे हैं, लेकिन हम सिर्फ शहीदों को नारों तक ही सिमित रख रहे हैं ! आजादी के बाद भी कई पुलिसकर्मियों ने देश कि आंतरिक सुरक्षा में अपने जान गंवाए ! जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ उस महान साहसिक विभूति तुकाराम ओम्बले की , जिसके कारण ही आज कसाब जैसा खूंखार आतंकवादी जेल में बंद है ! जी हाँ मुम्बई पुलिस में सब इन्पेक्टर के पद पर तैनात ओम्बले गिरग्म चौपाटी पर तैनात थे, वहाँ नाकेबंदी कर दी गयी थी, तभी कसाब और उसके अन्य एक साथी कार से उस और से भाग रहे थे, वहाँ तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया ! इस दौरान मुंबई पुलिस कि गोली से एक आतंकी मारा गया जो कार चला रहा था ! कार लड़खड़ा गयी और कसाब बाहर सडक पर आ गिरा ! इसे देखते ही पुलिस उसे लपकने के लिए दौड़ पड़ी, लेकिन कसाब ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी ! अन्य पुलिसकर्मी इधर-उधर छिप गए, लेकिन ओम्बले ने दम नहीं मारी और कसाब कि और उनके कदम बढते चले गए ! इस दौरान उन्हें कई गोलियाँ लगी लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कसाब को धार दबोचा और हाथापाई शुरू हो गयी ! इसे देख अन्य पुलिसकर्मी भी उस और लपके तथा कसाब को धार दबोचा ! इधर अस्पताल जाते-जाते ओम्बले कि मौत हो गयी और वो शहीद हो गए ! उन्हें मरणोपरांत " अशोक चक्र " से सम्मानित किया गया ! लेकिन सवाल यह क्या कसाब जब तक जिन्दा रहेगा तब तक उनकी आत्मा को शान्ति मिलेगी ? आइये इस पवन मौके पर शहीद ओम्बले के साथ-साथ उन शहीदों को भी नमन करे और सच्ची श्रद्धांजली दें जिन्होंने देश कि रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिया ..................


बंदे मातरम !!
रूपेश झा

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